असली चमत्कार

satsang event
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चमत्कार के प्रति मानव हृदय सहज आकर्षित होता है। लोग चमत्कार देखना चाहते हैं, पर उन्हें नहीं मालूम कि असली चमत्कार क्या होता है। गऊ हरी घास खाती है और सफेद दूध देती है। इसे लोग चमत्कार नहीं मानते है, पर पत्थर में से अगर दूध निकल आए तो यह चमत्कार है। तुम्हारा घर ईंट-पत्थर का बना है। अगर ईंटों से दूध टपकने लगे, फर्श से दूध निकलने लगे, छत से दूध निकलने लगे, दीवारों से दूध निकलने लगे, तब क्या करोगे? भगवान से प्रार्थना करोगे, ’’हे भगवान ! यह क्या हो रहा है? मेरे घर में नहीं, कहीं दूसरी जगह करो यह चमत्कार। यहाँ तो मैं रह भी नहीं सकता हूँ। सारी छत टपकती है। घर में खाना भी नहीं बन पाता है। पलंग भी भीगा हुआ है, भगवान यह क्या हो रहा है? ’’

क्या है असली चमत्कार? अगर तुम चमत्कार को देखना चाहते हो तो अपने इस स्वांस को देखो! यह है असली चत्मकार! इसे दुनिया की दौलत से नहीं खरीदा जा सकता। इस स्वांस को समझने की कोशिश करो। अपने जीवन को समझने की कोशिश करो। आज तुम जीवित हो तो जीवित होने का असली मतलब क्या है? क्या है इसका मतलब, कि यह स्वांस तुम्हारे अंदर आया और फिर चला गया? क्योंकि एक दिन आएगा, जब तुम इस स्वांस के मोहताज हो जाओगे। यह आएगा, जाएगा और फिर नहीं आएगा।

जीवन में यही होता है। स्वांस से मूल्यवान इस दुनिया में कुछ भी नहीं है। चाहे करोड़पति हो या भिखारी, शिक्षित हो या अशिक्षित, दुनिया का सारा चक्कर इसके साथ ही खत्म हो जाएगा। अगर इस स्वांस को नहीं समझ पाए तो जो ये अनमोल उपहार मिला है वह भी हाथ से निकल जाएगा।

अगर असली चमत्कार को समझना चाहते हो तो अपने अंदर, अपने हृदय की तरफ देखो। यह चमत्कार बाहर नहीं मिलेगा। यह चमत्कार तुम्हारे अंदर हो रहा है। जिसकी तुम्हें तलाश है, जिस दोस्त की तुम्हें तलाश है, जो सबका दोस्त है, वह दोस्त तुम्हारे अंदर है। वह किसी से बैर नहीं करता, चाहे तुम्हारा सब कुछ समाप्त हो जाए।

मनुष्य एक ऐसा यंत्र है, जिसके रोम-रोम में एक ही याचना है। वह है जीवन में आनंद और संतुष्टि पाने की। वह सुख-चैन और परम आनंद का अनुभव कर सके। इस मनुष्य चोले के अंदर एक ऐसी चीज़ रखी हुई है, जो अनंत है। सभी जीवों का प्राण है। सुखमय और आनंददायक है। उस चीज़ को पहचानो। जबतक तुम उस चीज़ को नहीं पहचानोगे, इस जीवन को सफल नहीं कर पाओगे।

— प्रेम रावत (महाराजी)  Asli Chamatkar