लोग चमत्कार देखने के लिये जाते हैं. अगर सचमुच में चमत्कार देखना है तो यह देखो - एक-एक स्वांस के अंदर चमत्कार भरा हुआ है. कहां से आया और कहां गया? कैसा चमत्कार? बिना गाड़ी के आया, तुम्हारे अंदर जीवन भर दिया. कहां से आया? पता नही. कहां गया? पता नही. क्या लाया? जीवन लाया, चेतना लाया. जिस दिन नही आया, उस दिन तुम चले गये. जब तक यह आया - तुम रहे और जिस दिन इसने आना छोड़ दिया उस दिन तुम गये.