प्रेम रावत,quote
प्रेम रावत,quote

कुंभ का बाँधा जल रहे, जल बिन कुंभ न होय,
ज्ञान का बाँधा मन रहे, गुरु बिन ज्ञान न होय.

मन को बाँधने के लिए किस चीज़ की ज़रूरत है? ज्ञान की ज़रूरत है. कैसे?
जिस प्रकार गऊ और भैंस को शाम को रस्सी से बाँध देते हैं, वरना वह भटकेगी,
इधर-उधर जाएगी. क्यूंकि उसको ये ज्ञान नहीं है कि कहाँ जाना चाहिए और कहाँ नहीं.
उसको ये नहीं मालूम कि ज़्यादा दूर चली गयी तो घर नहीं पहुँच पाऊँगी.
उसी प्रकार कहाँ जाना चाहिए और कहाँ नहीं जाना चाहिए, यह इस मन को ख्याल नहीं है.
कहीं भी चला जाता है. गुरु महाराजी जो ज्ञान देते हैं- ज्ञान का बाँधा मन रहे, और गुरु बिन ज्ञान न होय.
-प्रेम रावत