जब मैं 5 वर्ष का था, मेरी माँ ने हमेशा मुझे सिखाया कि आनंद में रहना ही जीवन की कुंजी है. जब मैं स्कूल गया तो मुझसे पूछा गया कि मैं बडा़ होकर क्या बनना चाहता हूँ तो मेरा जवाब था "खुश रहना". इस पर मुझे बोला गया कि मैं उनके प्रश्न को नहीं समझा और मैने उन्हे बोला कि उन्होने जीवन को नहीं समझा.