अगर असली चमत्कार है तो वही चमत्कार है कि अंधेरी दुनिया के अंदर, अंधेरी ज़िन्दगी के अंदर प्रकाश हो गया. क्योंकि इस जीवन के अंदर अंधेरा हो जाता है तो अंधेरा ही रहता है. चाहे जितने भी दीपक जलाओ, अंधेरे का अंधेरा ही रहता है. अज्ञानता का जो अंधेरा है, वह ऐसा अंधेरा है कि उसमें दीपक जलाओ तो वह भी बुझ जाता है. परंतु ज्ञान का दीपक ऐसा दीपक है कि इसे जलाने से अज्ञानता का अंधेरा दूर हो जाता है. "गु"- नाम अंधकार और "रू"- नाम प्रकाष. यही "गुरू" है.