प्रेम रावत,quote
प्रेम रावत,quote

आपका असली प्रतीक आपका चेहरा नहीं है,
आपका शरीर नहीं है.
आपका प्रतीक है- आपका हृदय.
इसके अंदर भगवान विराजमान है.
इसके अंदर वह किताब है,
जिसमें आपके सारे प्रश्नों के उत्तर हैं.
इसको पढ़कर समझिये.
-प्रेम रावत