प्रेम रावत,quote
प्रेम रावत,quote

इस जीवन को पहचानें. आप जिस भी धर्म में आस्था रखना चाहते हैं ,
रखें परंतु जो आपका असली धर्म है और आपके अंदर जो असली मंदिर है,
वहां भी तो पूजा होनी चाहिये तथा श्रद्धा के फूल चढ़ाये जाने चाहियें,
क्योंकि वहां वह शक्ति साक्षात विराजमान है जो सारे विश्व को चलाती है.
-प्रेम रावत