एक चीज़ है, जो शुरूआत से लेकर के अंत तक तुम्हारा एकतारा बजाती रहेगी. वह एकतारा क्या कह रहा है? वह एकतारा कह रहा है कि 'जो तुम्हारा असली साईं है, उससे मिल! तुम्हारे स्वांस के अंदर जो चीज़ बसी हुई है, उसको खोज, उसको पा! तुमने उसे पा लिया तो तुम्हारा जीवन धन्य है! अगर नहीं पाये तो खाली हाथ आये थे और खाली हाथ ही तुमको जाना पड़ेगा.' परंतु गुरू महाराजी कहते हैं कि - तुम इस संसार में खाली हाथ आये थे, परंतु खाली हाथ जाने की ज़रूरत नहीं है!