Dry, Earth,प्रेम रावत,quote
Dry, Earth,प्रेम रावत,quote

जबतक मनुष्य के जीवन में उसी प्रकार जिज्ञासा की आग नहीं होगी, जैसे मधुमक्खी में होती है,
जैसे गर्मी के दिनों में सूखी ज़मीन में दरार आ जाती है कि जब पानी पड़े तो अंदर तक जाए- तबतक
उसे सच्चे आनंद की अनुभूति नहीं होगी।
-प्रेम रावत