जब एक बार चश्मा पहनकर सबकुछ ठीक प्रकार से देख लें, तब क्या आपको दोबारा चश्मा पहनने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी? नहीं, ऐसा नहीं है. जब-जब आप चीज़ों को साफ-साफ देखना चाहेंगे, तब-तब आपको चश्मा पहनना पड़ेगा. उसी प्रकार जब-जब आप अपने अंदर शांति की आवश्यकता को महसूस करेंगे, तब-तब आपको अपने अंदर शांति का अनुभव करना पडे़गा. यह आपकी प्रकृति है.