जब बनाने वाले के सुमिरण की बात आती है, तब हम उसका सुमिरण करें या न करें, परंतु बनाने वाला हमारे श्वांस के रूप में हमारा निरन्तर सुमिरण कर रहा है. जिस दिन इस सुमिरण में अंतर पड़ जाएगा, उस दिन हम जीवित नहीं रहेंगे. अत: हमारा श्वांस उस बनाने वाले के असितत्व का प्रमाण है.