प्रेम रावत,quote
प्रेम रावत,quote

जब हाथ से छूकर देखते हैं तो पता चलता है कि तवा कितना गरम है.
उसे आँखें देख सकती हैं,
पर महसूस नहीं कर सकतीं. ये हाथ महसूस कर सकते हैं.
उसी प्रकार भगवान के दर्शन हुए या नहीं, यह हृदय महसूस कर सकता है.
हृदय के अंदर आनंद है तो उन्हीं के दर्शन हुए जो परमानंद है.
-प्रेम रावत