तुम्हारा असली स्वभाव क्या है? तुम्हारी असली प्रकृति क्या है? तुम्हारी ज़िन्दगी में पता नहीं तुमने कितनी चीज़ों से प्रेम किया होगा. परन्तु एक प्रेम अभी बचा हुआ है. वह प्रेम तुमने अभी किया नहीं. वह स्वभाव है इस स्वांस से प्रेम करना. वह प्रकृति है परम आनंद से प्रेम करना. यह तुम्हारा असली स्वभाव है. यह तुम्हारी असली प्रकृति है.