दुनिया उस शक्ति को अपनी कल्पना में लाना चाहती है और वो शक्ति मन और बुद्धि से परे का विषय है। अगर तुम उस भगवान की इस बुद्धि से कल्पना कर सकते हो, तो वो भगवान नहीं है, वो तुम्हारी कल्पना है। ये मैं नहीं कह रहा, ये तो संत-महात्माओं ने कहा है। जानो और पहचानो इस बात को।