मनुष्य शरीर मोक्ष का दरवाज़ा है। यह साधन है। लोग कहते हैं कि, 'इसका मतलब है, क्या हम सारी घर-गृहस्थी को छोड़ दें?' नहीं! घर-गृहस्थी को छोड़ने की ज़रूरत नहीं है। तुम्हारे जीवन के अंदर जो कुछ भी जिम्मेवारियां हैं, इनको बढ़िया से बढ़िया तरीके से निभाओ। परंतु एक और जो तुम्हारी जिम्मेवारी है; अपने अंदर बैठे भगवान का अनुभव करने की, इस जिम्मेवारी को मत भूल जाओ।