मनुष्य हर एक चीज़ को विचारों से पकड़ने की कोशिश करता है, परंतु जब भूख लगती है तो रोटी विचारों की नहीं चाहिए, रोटी तो आटे की होनी चाहिए, जो भूख को मिटा सके। कोई अगर कहे कि "मैं तो सिर्फ रोटी का वर्णन करूँगा और आपकी भूख खत्म हो जाएगी।"- पर उससे भूख खत्म नहीं होगी। प्यास बुझाने के लिए पानी चाहिए। उसी प्रकार इस जीवन को सफल करने के लिए अनुभव चाहिए। इस जीवन को सफल करने के लिए असली शांति चाहिए।