लोग समझते हैं कि अगर सारी लड़ाइयाँ बंद हो जायें तो शांति हो जाएगी। गलत बात है। हम तो ऐसी शांति की बात कर रहे हैं, जिसको लड़ाई के मैदान में भी अनुभव किया जा सकता है। हम ऐसी स्वतंत्रता की बात कर रहे हैं कि जेल के अंदर भी आदमी उस असली स्वतंत्रता का अनुभव कर सकता है।