वो जो तुम्हारे अंदर बैठा है, उससे अपना परिचय करो. अगर तुम उस अंदर वाले को जान गये तो तुमको इस जीवन में कभी भी अकेले रहने की जरूरत नहीं पडे़गी. तुम्हारे साथ हमेषा एक मित्र होगा जो तुम्हे कभी नही छोडेगा यह शरीर भले ही छूट जाये पर वह मित्रता कभी नही टूटेगी. वह जो अंदर मित्र बैठा है, उसको जान लेना ही परम मोक्ष है