प्रेम रावत,quote
प्रेम रावत,quote

अपने ध्यान को इधर-उधर की मनोकामनाओं में नहीं,
बलिक उस चीज़ में लगाओ, जो तुम्हारे अंदर जीवन का स्रोत है,
जहाँ से तुम्हारा जीवन शुरू होता है,
जहाँ से आशीर्वाद तुम्हारे अंदर आता है.
-प्रेम रावत