आजतक तो तुमने अपने जीवन में सिर्फ कमियों को पहचाना है. अब अपने जीवन के अंदर जो पूर्ती है, इसको भी पहचानना शुरू करो. अभी तो तुमने सिर्फ यह पहचाना है कि तुम्हारे पास क्या नहीं है. अब उस चीज़ को पहचानना शुरू करो कि तुम्हें क्या-क्या मिला है. एक नहीं तुम्हें अनेक उपहार मिले हैं.