एक मनुष्य क्या है? मेरे दृष्टिकोण से जब एक असीम और एक ससीम, एक अविनाशी और एक नाशवान वस्तु का योग होता है - जब ये दो चीजें मिलकर एकाकार हो जाती हैं तो मनुश्य का प्रादुर्भाव होता है. इससे पहले नहीं. एक चीज़ जो पहले थी, अब है और हमेशा रहेगी - और दूसरी चीज़ जो पहले नहीं थी, लेकिन अब है, फिर नहीं रहेगी. ऐसी हैं दो चीजे़ं, जिनका मिलन होता है. यह कोई बड़ा रहस्य नहीं है.