प्रेम रावत,quote
प्रेम रावत,quote

कबीरदास जी ने कहा है कि -पानी में मीन पियासी, मोहे सुन-सुन आवे हांसी.
तुम हो वह मीन और तुम्हीं प्यासे हो पानी में. अगर लोगों से पूछो कि 'भगवान कहाँ है?'
तो लोग इशारा करेंगे ऊपर की तरफ, बाहर की तरफ, जबकि वह बैठा है अंदर.
-प्रेम रावत