प्रेम रावत,quote
प्रेम रावत,quote

तुम्हारे अंदर अखंड परमानंद का भंडार है. यह तुम्हारा गुण है.
जिस चीज़ की प्यास तुम्हारे हृदय में लगी हुई है,
वह पानी भी तुम्हारे अंदर ही है. तुम अपनी प्यास को
जितनी बार बुझाना चाहो, बुझा सकते हो.
-प्रेम रावत