प्रेम रावत,quote
प्रेम रावत,quote

तुम भी किसान हो और तुम्हारी ज़िन्दगी एक खेत है और यह स्वांस रूपी हल चल रहा है.
इस खेत में कुछ न कुछ ज़रूर उगेगा. जीवन तो निकल रहा है.
इसको कोई रोक नहीं सकता. समय है, आ रहा है और जा रहा है.
ऐसे ही यह स्वांस तुम्हारे अंदर आ रहा है और जा रहा है.
और सबसे बड़ी बात जो हो रही है वो यह कि तुम जीवित हो और इस बात को समझो.
-प्रेम रावत