तुम भी किसान हो और तुम्हारी ज़िन्दगी एक खेत है और यह स्वांस रूपी हल चल रहा है. इस खेत में कुछ न कुछ ज़रूर उगेगा. जीवन तो निकल रहा है. इसको कोई रोक नहीं सकता. समय है, आ रहा है और जा रहा है. ऐसे ही यह स्वांस तुम्हारे अंदर आ रहा है और जा रहा है. और सबसे बड़ी बात जो हो रही है वो यह कि तुम जीवित हो और इस बात को समझो.