प्रेम रावत,quote
प्रेम रावत,quote

दुनिया उस शक्ति को अपनी कल्पना में लाना चाहती है.
और वो शक्ति मन और बुद्धि से परे का विषय है.
अगर तुम उस भगवान की इस बुद्धि से कल्पना कर सकते हो,
तो वो भगवान नहीं है, वो तुम्हारी कल्पना है
-प्रेम रावत