प्रेम रावत,quote
प्रेम रावत,quote

सब भाग रहे हैं. सबका मन भाग रहा है. कहाँ भाग रहा है? “हे भगवान! मुझको ये दे दो.” भगवान को क्या बना दिया? अलादीन का चिराग बना दिया. भगवान के पास कौन जाता है, यह कहने के लिए कि,
“हे भगवान! आपने मुझे यह मनुष्य शरीर दिया, इसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद?”
जिस दिन तुम्हारा आखिरी समय होगा, उस दिन तुम क्या कहोगे? इस सम्बन्ध में किसी संत ने कहा है-
आये हैं सो जायेंगे, राजा रंक फ़कीर
एक सिंघासन चढ़ि चला, एक बांधे ज़ंजीर
इस संसार से जाना तो सबको है, परंतु जाते समय एक कहेगा, “मैंने ये नहीं किया, मैंने वो नहीं किया;
मेरी यह इच्छा पूरी नहीं हुई, मेरी वह इच्छा पूरी नहीं हुई.”
परन्तु जिसको आत्मा का ज्ञान है, वह कहेगा, “हे प्रभु!
मैं आपमें लीन होने के लिए तैयार हूँ.”
क्यूंकि बात समझ में आ गई.
अगर यह बात समझ में आ गई, तो मैं सच कहता हूँ तुम्हारी ज़िन्दगी के अन्दर वाह-वाह हो जायेगी.
-प्रेम रावत