ज्ञान - आत्मज्ञान

Prem Rawat - Maharaji “जो व्यक्ति शान्ति को अपने जीवन में साक्षात रूप में लाना चाहता है, उनका मैं मार्गदर्शन कर सकता हूँ. मैं केवल बात नहीं करता, बल्कि भीतर स्थित उस शान्ति का अनुभव भी कराता हूँ. उसकी जो विधि है उसे मैं ज्ञान कहता हूँ.”

ज्ञान की यात्रा वास्तव में स्वयं को खोजने की यात्रा है. ज्ञान लोगों के जीवन में उस आनंद को संभव बनाता है जो परिस्थियों के प्रभाव से स्वतंत्र है. ये एक विधि है जिसके द्वारा आप उसका अनुभव कर सकते हैं जो आपके अन्दर है. ज्ञान की चार क्रियायें हैं जो आपको बाहर भाग रहे ध्यान को अन्दर की ओर ले जाती है.

ये कल्पना करने की चीज़ नहीं है. ये एक विधि है जिससे आप अपना ध्यान अन्दर की ओर केन्द्रित करके उस अनुभव को महसूस कर सकते हैं जो आपके अन्दर मौजूद है. जो व्यक्ति इस यात्रा के मुसाफिर बनना चाहते हैं, मैं उनका मार्गदर्शन बनकर ज्ञान की चार क्रियायें सीखाने और उनकी तैयारी में मदद कर सकता हूँ. जिससे वे भी अपने जीवनकाल में उसे आनंद का लुत्फ़ उठा सके.

बिना किसी जात-पात, लिंग, आर्थिक, सामाजिक स्थिति, धर्म, रहन-सहन और रंगभेद से ऊपर उठकर ये ज्ञान की क्रियायें बिना किसी शुल्क के दी जाती है.

ज्ञान से सम्बंधित कुछ प्रश्न »


प्रश्न - यदि मैं ज्ञान लेने का इच्छुक हूँ, तो मैं किस्से पूछुंगा? और क्या मुझे अपने रहन-सहन में बदलाव या किसी संस्था से जुड़ना पड़ेगा?
उत्तर - ये सब एक चीज़ से जुड़ा है की आप इस सन्देश से और सीखें तथा अपनी स्वयं की समझ को बढायें. ये निर्णय भी आप ही को लेना होगा की क्या आप इस सन्देश से जुड़े रहना चाहते हैं. ज्ञान, व्यक्ति के रहन सहन के तरीके से स्वतंत्र है. इस ज्ञान की यात्रा आपकी स्वयं की यात्रा हैं. कोई समूह या संस्था से जुड़ने की ज़रुरत नहीं है.

प्रश्न - ये क्या किसी धर्मं, धार्मिक पथ या तर्कशास्त्र जैसी चीज़ है?
उत्तर - जो महाराजी देते हैं वो सभी चीज़ों से स्वंतंत्र तथा सभी धर्मों के अनुकूल है. ज्ञान एक व्यवहारिक विधि है जिसके द्वारा आप अपने अन्दर मौजूद शान्ति का अनुभव कर सकते हैं. ये किसी भी तर्कशास्त्र, धार्मिक पथ या धर्म से जुड़ा नहीं है.

प्रश्न - क्या ज्ञान सभी समस्याओं का समाधान है?
उत्तर - ज्ञान समस्याओं को ख़त्म नहीं करता है. ये व्यक्ति को शान्ति का अनुभव करने में समर्थ बनता है जो उसके अन्दर मौजूद है. ज्ञान न तो कोई शारीरिक अथवा मानसिक समस्याओं से निदान पाने के लिए है और न ही ये कोई चिकित्सा का माध्यम है.

प्रश्न - क्या से ज्ञान सीखने में कठिन है?
उत्तर - इन क्रियाओं का अभ्यास करना सरल है और ये कोई भी व्यक्ति सीख सकता है. ज्ञान का फल पाने के लिए दृढ निश्चय और इस ओर लगातार परिश्रम करने की ज़रुरत होती है.