अनमोल उपहार


यह जो स्वांस आपके अंदर आ रहा है और जा रहा है, यह अनमोल है! वही स्वांस जो भगवान की कृपा से, बिना कुछ सोचे-समझे, बिना बटन दबाए अपने आप आता है और अपने आप जाता है। क्या छोड़ जाता है पीछे? ज़िन्दगी छोड़ जाता है! एक ऐसा समय छोड़ जाता है, जो दुबारा नहीं आएगा। एक ऐसा उपहार छोड़ जाता है, जिस उपहार को मनुष्य ग्रहण करना चाहता है, स्वीकार करना चाहता है, लेना चाहता है। वह उपहार है जीवन!
आप ये भी नई बात सुन लीजिये कि खाली हाथ आये थे, पर खाली हाथ जाने की ज़रूरत नहीं है। कुछ लेकर जाओ। क्या लेकर जा सकते हैं अपने साथ? अपने हृदय के अंदर प्यार को लेकर जा सकते हैं। जो हृदय रूपी प्याला है, उसको भरकर ले जा सकते हैं। अगर यह चीज़ याद रहे कि ये मेरा जीवन है, यह मेरा स्वांस है, मेरे पास एक अनमोल चीज़ है और मैं उसको खोऊं नहीं तो मेरे लिए सबकुछ बदल जायेगा। चाहे बाहर से कुछ नहीं बदले, पर अंदर से सबकुछ बदल जायेगा।
जिस दिन तुम अपने स्वांस को समझ जाओगे, उस दिन तुम अपने आपको समझ जाओगे, उस दिन तुम शंकाओं में नहीं रहोगे, बल्कि स्पष्टता में रहोगे। जिस दिन तुम्हें उस चीज़ से प्यार हो जायेगा, जो तुम्हारे अंदर आ रही है और जा रही है, तो इस जीवन से प्यार हो जायेगा। जिस दिन तुम्हें इस अनमोल चीज़ से प्यार हो जायेगा, जो तुम्हारी ज़िन्दगी है- उस दिन तुम आज़ाद हो और उस दिन तुम्हारी असली आज़ादी है।