प्रेम रावत

उनका संदेश सरल किन्तु गहरा है. यह सन्देश किसी भी दर्शन, धर्म, या आध्यात्मिक पथ से जुड़ा हुआ नहीं है. संयुक्त राष्ट्र के सम्मेलन केंद्र, बैंकॉक में, महाराजी ने कहा, "शान्ति हर एक मनुष्य के जीवन में होनी चाहिए. जिस शान्ति की हमें तलाश है, वह हमारे ही ह्रदय में विराजमान है. जरूरत है तो बस उसे पहचानने की. "विश्व" शान्ति नहीं मांगता, शान्ति की ज़रुरत मनुष्य को है. जब प्रत्येक मनुष्य उस परम शान्ति का अनुभव करेगा, तो यह संसार आप ही शांतिमय हो जायेगा."

महाराजी का जन्म १० दिसम्बर १९५७ में भारत के हरिद्वार शहर में हुआ. अपने पिता और माननीय गुरु "श्री हंस जी महाराज" के लिए आयोजित कार्यक्रमों में उन्होंने तीन साल की उम्र से ही बोलना शुरू कर दिया था. चार वर्ष की उम्र में दिया गया उनका प्रवचन पहली बार प्रकाशित हुआ. जुलाई १९६६ में जब वे ८ वर्ष के थे तो उन्होंने शान्ति के इस सन्देश को विश्व में जन-जन तक पहुँचाने की जिम्मेवारी संभाली.
उन्होंने पूरे भारतवर्ष में जगह जगह आयोजित कार्यक्रमों में लोगों को संबोधित किया. लोग उनसे आकर्षित होने लगे और उन्हें "बाल योगेश्वर जी" के नाम से जानने लगे. तेरह वर्ष की उम्र में उन्हें लन्दन और लोस-एंजेलेस में बोलने के लिए आमंत्रित किया गया, और उनकी यात्राओं का सिलसिला शुरू हो गया. उसके बाद उन्हें लगभग हर महाद्वीप से बोलने के आमंत्रण आने लगे.
महाराजी को उनके महान कार्य के लिए संसार के कई देशों में सम्मानित किया गया है. उन्होंने संसार के ९० से अधिक देशो और ३०० से अधिक शहरों में लोगों को संबोधित किया है. पूरी दुनिया के अनेक विश्वविद्यालयों और सामाजिक संगठनो द्वारा उन्हें नियमित रूप से आमंत्रित किया जाता है. उनके सन्देश का अनुवाद ७० भाषाओं में किया गया है जिसे १०० से भी ज्यादा देशों में उपलब्ध कराया जाता है.

महाराजी को पिछले तीन दशकों से उनके इस सुन्दर कार्य के लिए विश्व भर के अनेक देशों में ख्याति मिली है. कई राष्ट्रीय व राजकीय सरकारों ने महाराजी को अधिकारिक सम्मान व प्रशंसा पत्र प्रदान किया है. सम्मानपूर्वक उन्हें विश्व के कई शहरों की चाभियाँ (key to the city) भेंट की गयीं हैं.
उन्होंने प्रेम रावत फाउंडेशन की स्थापना की है, जो लोगों की मूल जरूरतों जैसे पौष्टिक भोजन, स्वच्छ पानी, आश्रय और मुफ्त चिकित्सा उपलब्ध कराती है.

महाराजी के सन्देश और उनकी मानवीय पहल को सम्मानित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र विकास संस्था (UNDP) ने न्यूयार्क के संयुक्त राष्ट्र में एक समारोह का आयोजन किया. इस समारोह में संयुक्त राष्ट्र के विशिष्ट प्रतिनिधियों, स्थानीय न्यूयॉर्क सरकार, सामाजिक और व्यावसायिक अधिनायकों ने भाग लिया.
TPRF की मानवीय गतिविधियाँ पूरी तरह से स्वैच्छिक योगदान और संबंधित सामग्री की बिक्री से चलती हैं. एक निजी निवेशक के रूप में, महाराजी अपने और अपने परिवार का वहन स्वयं करते हैं. महाराजी ने कभी भी अपने कार्यक्रमों के लिए कोई शुल्क नहीं लिया है. उनके द्वारा दिया जाने वाला ज्ञान भी एक अमूल्य उपहार के रूप में उपलब्ध है.
सम्मान प्राप्ति की आंशिक सूची
* सरकारी प्रस्ताव व् घोषणा »
|
||
* शहरों की चाभियाँ »
|
||
* प्रशंसा पत्र / राजकीय सम्मान »
|
||
* सरकारी अधिकारियों द्वारा विशेष सम्मान »
|
||
* सर्वश्रेष्ठ टेलीविजन कार्यक्रम पुरुस्कार »
|
