प्रेम रावत फाउंडेशन

इस संस्थान का मुख्य लक्ष्य ज़रूरतमंद लोगों के जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने में मदद करने का है. भारत में TPRF नियमित रूप से मुफ्त चिकित्सा शिविरों का आयोजन करती है. कई वैश्विक संस्थाएं जैसे संयुक्त राष्ट्र संघ, वर्ल्ड फ़ूड प्रोग्राम आदि की साझेदारी में TPRF सामाजिक, धर्मार्थ और परोपकारी कार्यक्रमों में लोगों की मदद करती है. युद्ध ग्रस्त इलाकों में यह संस्था शरणार्थियों को प्राथमिक चिकित्सा उपलब्ध कराती है.

जिन देशों की व्यवस्था प्राकृतिक आपदाओं से तबाह हो गयी है, वहां TPRF कुशलतापूर्वक लोगों की आर्थिक रूप से सहायता करती है. TPRF के अन्य उत्कृष्ट मानवीय संगठनों के साथ मज़बूत गठजोड़ हैं. मुख्य रूप से: फ्रेंड्स ऑफ़ द वर्ल्ड फ़ूड प्रोग्राम, द रेड क्रॉस, द हौस्टों फ़ूड बैंक, एक्शन अगेंस्ट हंगर, और ओक्सफाम आदि हैं.

TPRF की मानवीय गतिविधियाँ पूरी तरह से स्वैच्छिक योगदान और संबंधित सामग्री की बिक्री से चलती हैं.
महाराजी के सन्देश से प्रेरित लोग, इसे दूसरों तक पहुँचाने का प्रयास करते हैं. उनके स्वैच्छिक योगदान से इस सन्देश को जगह जगह उपलब्ध कराया जाता है. इस संस्थान में आई सेवा का आंशिक भाग भी महाराजी की जीविका के लिए प्रयोग नहीं होता है. एक निजी निवेशक के रूप में, महाराजी अपने और अपने परिवार का वहन स्वयं करते हैं.

विश्व प्रसिद्व संगठनों के साथ TPRF की साझेदारी अत्यंत सफल रही है. वर्ल्ड फ़ूड प्रोग्राम की सहायता करते हुए TPRF ने एक महीने के लिए ९००० इन्डोनेशियाई सुनामी पीड़ितों, नाइजर में २००० अकाल पीड़ितों, ग्वाटेमाला में ४५०० स्कूली बच्चों, पाकिस्तान के ६००० और पेरू के हजारों भूकंप पीड़ितों को भोजन उपलब्ध कराया.
रेड क्रास के माध्यम से, इस फाउंडेशन ने फिलीपींस भू-स्खलन पीड़ितों के लिए खाद्य सहायता प्रदान की और ओक्सफाम के माध्यम से TPRF ने लेबनान और इसराइल में युद्ध पीड़ितों को पीने का पानी उपलब्ध कराने के लिए मदद की. द हौस्तों फूड बैंक के माध्यम से TPRF ने तूफान कैटरीना की ८००० पीड़ितों के लिए प्रतिदिन तीन भोजन, तीन महीने तक प्रदान किया.

"फूड फॉर पीपुल" पहल की स्थापना महाराजी ने भारत, नेपाल और कुछ अन्य देशों में की. इसके तहत यहाँ के लोगों को दिन में दो दौर पौष्टिक भोजन दिया जाता है.
भारत में समय समय पर किये गए नेत्र चिकित्सा शिविरों में लोगों के आँखों की जांच और सामान्यतः जरूरत दवा और प्रेस्क्रिप्शन मुफ्त में दी जाती है. इन शिविरों के लिए भारी तादाद में नेत्रविज्ञानी व अन्य संबंधित पेशेवर स्वयंसेवक नियुक्त समय पर पहुँच कर सेवा करते हैं. विशेष दवाइयों की ज़रुरत पड़ने पर अगले दिन उसे उपलब्ध कराते हैं. हर शिविर में २००० से ४५०० तक लोग सेवा का लाभ लेते हैं. इनमे से लगभग ७५% व्यक्तियों को जरूरत के अनुसार चश्मे दिए जाते हैं. भारत में अंधापन व्यापक होने के कारन TPRF लोगों को इसके निवारणीय होने की जागरुकता फैलाती है, और अपनी आँखों के देखभाल के लिए सरल दवाएं और सुधारात्मक लेंस मुहैया कराती है. यह सब बिना किसी शुल्क के मानवीय भाव से किया जाता है.
मानवीय पहल के विस्तृत जानकारी के लिए TPRF की वेबसाइट देखें.