मैं समाज की बात नहीं कर रहा हूँ, मैं शहर की बात नहीं कर रहा हूँ. हर एक व्यक्ति की बात कर रहा हूँ कि आपके जीवन में शांति का दीया जले. आपका घर, आपका यह आँगन, जिसमें कितने सालों से अंधेरा ही अंधेरा भरा हुआ है, इस आँगन में शांति का दीया जले. दीया आपके पास है, माचिस गुरु महाराजी के पास है. जैसे ही आप हृदय से कहेंगे, कि हाँ जला दो; उस दिन बिना संकोच किये गुरु महाराजी माचिस निकालेंगे, जलाएंगे और आपका भी दीया जल जाएगा. जब दीया जलेगा, तो अंधेरा भागेगा, उजाला आएगा और आप भी देख सकेंगे. उस दिन आप देखेंगे और देखकर के कहेंगे, 'वाह, वाह! मेरे जीवन में भी आनंद का दीया जल गया'.