यह जीवन भी एक कुएं के समान है. अगर इसके पानी को पीना शुरू करोगे तो तुम्हारे हृदय की प्यास बुझती रहेगी. जब तक तुम इस संसार के अंदर जीवित हो, यह पानी तुम्हारे अंदर रहेगा. अगर इस पानी को तुम निकालना सीख गए तो तुम इस संसार के अंदर खाली हाथ आये ज़रूर थे, पर तुमको यहाँ से खाली हाथ जाने की ज़रूरत नहीं रहेगी.