प्रेम रावत,quote
प्रेम रावत,quote

अभिलाषा तो सबकी एक ही है, अंदर सिथत परमात्मा से मिलने की.
जो âदय रुपी फूल है, उसमें स्थित आनंद रुपी रस को निकालने की,
ताकि यह जीवन आनंद रुपी शहद से भर जाए.
-प्रेम रावत