प्रेम एक ऐसी चीज़ होती है कि जिससे प्रेम है उसके लिए तुम सबकुछ छोड़ देने के लिए राजी हो जाओ. कुछ नहीं! लेट हो रहे हो, कोई बात नहीं. खाना नहीं खाया है, कोई बात नहीं. नींद नहीं सोये हो, कोई बात नहीं. ये प्रेम की प्रकृति ऐसी है. प्रेम के आगे न समय है, न ज़िम्मेदारियाँ हैं, न समझ है, न बेसमझ है. कुछ भी नहीं है. सिर्फ प्रेम है.